जालंधर में बेअदबी के मुद्दे पर अकाली दल के नेताओं ने राहुल गांधी, प्रताप बाजवा के पुतले फूंके, परगट सिंह को चेतावनी
कांग्रेस दफ्तर के बाहर प्रदर्शन किया गया, माफी नहीं मांगी तो कांग्रेस नेताओं के आवास का घेराव
गोल्डन टेंपल को लगातार मिल रही धमकियों से सिखों में माहौल खराब करने की साजिश रच रहे
विधायक बताए-सरकार में कौन से मंत्री थे जो 5 साल तक बेअदबी को लेकर सियासत करते रहे
पहले 1984, 1992 और फिर 2017 से लेकर 2022 तक सिखों की भावना से खेलती रही कांग्रेस
जालंधर :
जालंधर में शिरोमणि अकाली दल की तरफ से कांग्रेस दफ्तर के बाहर प्रदर्शन किया गया। इस प्रदर्शन के दौरान अकाली दल के नेताओं ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रताप बाजवा और सुखजिंदर रंधावा के पुतले फूंके। अगर बेअदबी के मुद्दे पर पार्टी के नेताओं ने माफी नहीं मांगी तो आने वाले समय में सभी कांग्रेस नेताओं के घरों का घेराव किया जाएगा। जो नेता गुरुओं के नहीं हुए वह किसी के नहीं हो सकते।
पंजाब में माहौल खराब करने की साजिश
वहीं गोल्डन टेंपल को लगातार मिल रही धमकियों पर कहा कि सिखों में माहौल खराब करने की साजिश रची जा रही है। सिख सगंत को डराने के लिए यह सब किया जा रहा है। SGPC प्रधान धामी ने भी साजिश करार दिया है, जिसको लेकर उन्होंने जांच की अपील की है।
कांग्रेस ने बेअदबी को लेकर राजनीति की
अकाली नेता सरबजीत झिज्जर ने परगट सिंह से पूछा कि विधायक बताए कि उनकी सरकार में कौन से मंत्री थे जो 5 साल तक बेअदबी को लेकर सियासत करते रहे। उन्होंने आरोप लगाए है कि कांग्रेस ने बेअदबी को लेकर सिर्फ राजनीति की है।
राजा वड़िंग व चरणजीत चन्नी चुप क्यों?
परगट सिंह ने खुद विधानसभा में कहा कि उनकी पार्टी में एक धड़ा चाहता था कि बेअदबी के मुद्दे को लंबा खींचा जाए। उन्होंने कांग्रेस प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग और सासंद चरणजीत सिंह चन्नी से पूछा कि वह बेअदबी के मामले क्यों चुपी साधे हुए है।
सिखों की भावना के साथ खेलती रही
सरबजीत झिज्जर ने कहा कि यह कांग्रेस वह पार्टी है जो पहले 1984, फिर 1992 और उसके बाद 2017 से लेकर 2022 तक सिखों की भावना के साथ खेलती रही है। जनता कब तक इस पार्टी से धोखा खाती रहेगी।
अकाली दल को बदनाम किया जा रहा
सरबजीत झिज्जर ने कहा कि अकाली दल की सरकार के दौरान कांग्रेस ने बेअदबी के मामले में सीबीआई से जांच करवाई। जिसके बाद जब सीबीआई को जांच के लिए केस सौंपा गया तो कांग्रेस की सरकार आने पर सीबीआई से केस वापिस ले लिया गया। अकाली सरकार को बदनाम करने के लिए यह सब किया जा रहा है।