Big initiative of Northern Railway

उत्तर रेलवे की बड़ी पहल : जालंधर में डीएमयू कार शैड बनेगा इंटीग्रेटेड कोचिंग डिपो, खर्च होंगे 200 करोड़ रुपए

Written by:

Nischal Nayyar

Last Updated: July 16 2025 04:13:47 PM

उत्तर रेलवे की बड़ी पहल : जालंधर में डीएमयू कार शैड बनेगा इंटीग्रेटेड कोचिंग डिपो, खर्च होंगे 200 करोड़ रुपए

उत्तर रेलवे की बड़ी पहल  जालंधर में डीएमयू कार शैड बनेगा इंटीग्रेटेड कोचिंग डिपो खर्च होंगे 200 करोड़ रुपए

उत्तर रेलवे की बड़ी पहल : जालंधर में डीएमयू कार शैड बनेगा इंटीग्रेटेड कोचिंग डिपो, खर्च होंगे 200 करोड़ रुपए

शताब्दी, राजधानी, वंदे भारत और अन्य मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों के कोचों की भी मरम्मत और मेंटेनेंस होगी

यह डिपो कोचिंग ट्रेन ऑपरेशंस की समग्र जरूरतों को एक ही स्थान से पूरा करने के उद्देश्य से विकसित

हेडक्वार्टर से मंजूरी मिलने के बाद परियोजना मंडल स्तर पर शुरू और 2026 तक पूरा होने की उम्मीद

उत्तर रेलवे ज़ोन में जालंधर एकमात्र स्थान जहां पूर्ण डीएमयू शैड मौजूद, फॉल्ट्स का त्वरित समाधान 

जालंधर : 

उत्तर रेलवे ने रेल रखरखाव ढांचे को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। जालंधर स्थित डीएमयू कार शैड को अब एक इंटीग्रेटेड कोचिंग डिपो (ICD) में परिवर्तित किया जा रहा है, जिस पर करीब 200 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। डीएमयू कार शैड (DMU Car Shed) अब तक सिर्फ डीजल मल्टीपल यूनिट (DMU) और इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट (EMU) ट्रेनों की मेंटेनेंस और ऑपरेशन तक सीमित था। नए इंटीग्रेटेड कोचिंग डिपो में इसका विस्तार कर अब यहां शताब्दी, राजधानी, वंदे भारत और अन्य मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों के कोचों की भी मरम्मत और मेंटेनेंस की जाएगी। यह डिपो कोचिंग ट्रेन ऑपरेशंस की समग्र जरूरतों को एक ही स्थान से पूरा करने के उद्देश्य से विकसित किया जा रहा है।

क्या बदलेगा इस अपग्रेड से?

पहलू    पहले    अब
जिम्मेदारी    केवल DMU/EMU    सभी कोचिंग ट्रेनों की मेंटेनेंस
स्कोप    सीमित    व्यापक और बहु-स्तरीय
इंफ्रास्ट्रक्चर    पुराना और सीमित संसाधन    आधुनिक तकनीक और अत्याधुनिक उपकरण
आर्थिक निवेश    न्यूनतम    200 करोड़ तक

जालंधर को क्यों चुना गया?

उत्तर रेलवे ज़ोन में जालंधर एकमात्र ऐसा स्थान है जहां पूर्ण डीएमयू शैड मौजूद है। भौगोलिक दृष्टि से रणनीतिक स्थिति, जो पंजाब, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल के रेल संचालन को जोड़ती है। यहां से पहले ही DMU/EMU ट्रेनों की मरम्मत और रखरखाव का सफल संचालन हो रहा है। जालंधर मंडल को अधिक मेंटेनेंस कार्य मिलने से आमदनी बढ़ेगी। कोचिंग ट्रेनों की रेक मेंटेनेंस स्थानीय स्तर पर होगी। फॉल्ट्स का त्वरित समाधान संभव होगा

तुलना में जालंधर आगे क्यों?

शैड    प्रकार    कार्यक्षमता

बडगाम (J&K)    छोटा DMU शैड    सीमित संचालन
शकूर बस्ती (दिल्ली)    सीमित    शहरी ट्रैफिक दबाव के चलते क्षमता सीमित
जालंधर    पूर्ण विकसित    पहले से DMU संचालन में दक्ष, अब ICD बनकर और सशक्त होगा

रेलवे सशक्त रूप से उभरेेगा 

यहां मेल/एक्सप्रैस ट्रेनों के कोचों का भी निरीक्षण, सफाई, मुरम्मत और अन्य आवश्यक तकनीकी कार्य किए जाएंगे। इस इंटीग्रेटेड कोचिंग डिपो में आधुनिक उपकरणों एवं आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था की जाएगी। बता दे कि केंद्र सरकार द्वारा जिस प्रकार रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर का नवीनीकरण किया जा रहा है और वंदे भारत जैसी नई ट्रेनों का निर्माण किया जा रहा है। ऐसे में जालंधर में अत्यधिक इंटीग्रेटेड शैड बनने से रेलवे और सशक्त रूप से उभर कर सामने आएगा। 

यह प्रक्रिया मंडल स्तर पर शुरू 

रेलवे अधिकारियों के अनुसार, हेडक्वार्टर से मंजूरी मिलने के बाद परियोजना की प्रक्रिया मंडल स्तर पर शुरू हो चुकी है, और इसके 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है। जालंधर में इंटीग्रेटेड कोचिंग डिपो का बनना केवल एक तकनीकी सुधार नहीं, बल्कि यह रेलवे की दीर्घकालिक दृष्टि और क्षेत्रीय विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह परियोजना न सिर्फ पंजाब को, बल्कि पूरे उत्तर रेलवे ज़ोन को संचालन, रखरखाव और प्रबंधन के क्षेत्र में नई ऊंचाई प्रदान करेगी।

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