डॉ. अमित बंसल पर ईडी की कार्रवाई पर जालंधर सिविल सर्जन का आया बयान, दवाईयों का गलत इस्तेमाल करते थे
जो दवाई दी जाती थी उस गोलियों का दुरुपयोग किया जाता था : सिविल सर्जन
ईडी की कार्रवाई को लेकर अभी तक उनके पास कोई ज्यादा जानकारी नहीं है
नकोदर में सहज अस्पताल सेंटर का 12 दिसंबर 2024 को लाइसेंस कैंसिल
16 अप्रैल को एनडीपीएस एक्ट 1985 की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज
पंजाब डेस्क :
ईडी ने ड्रग्स की अवैध बिक्री और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में डॉ. अमित बंसल के 22 नशा छुड़ाओ केंद्रों पर एक साथ रेड की। डॉ. अमित बंसल पर ईडी की कार्रवाई पर जालंधर सिविल सर्जन का बयान आया है। चंडीगढ़, लुधियाना, बरनाला और मुंबई में 4 स्थानों पर रेड की गई। सेंटरों से अवैध बिक्री के लिए 31,000 से ज़्यादा नशीली गोलियों बरामद की गई। सिविल सर्जन गुरमीत वडियाल का कहना है कि जो दवाई दी जाती थी उस गोलियों का दुरुपयोग किया जाता था। ईडी की टीम की तरफ से कार्रवाई की जा रही है। मरीज को दी जाने वाली दवाई का पोर्टल पर रिकार्ड दर्ज किया जाता है, ऐसा ना करने पर कार्रवाई की जाती है।
अलग-अलग सेंटरों से गोलियां की बरामद
उन्होंने बताया कि कार्रवाई के दौरान भारी मात्रा में अलग-अलग सेंटरों से गोलियां बरामद की गई थी। अमित बंसल को विजिलेंस ने उस दौरान गिरफ्तार किया था, लेकिन ईडी द्वारा की गई कार्रवाई को लेकर अभी उनके पास कोई ज्यादा जानकारी नहीं है और ना ही ईडी की टीम द्वारा उनसे संपर्क किया गया।
नकोदर में सहज अस्पताल सेंटर चलाते थे
अमित बंसल नकोदर में सहज अस्पताल सेंटर चलाते थे, जिसका 12 दिसंबर 2024 को लाइसेंस कैंसिल कर दिया गया। उसके बाद 16 जनवरी 2025 को सेंटर को सील कर दिया था। जिसके बाद पता चला कि वह अन्य सेंटर भी चला रहे थे, जिसे पंजाब सरकार ने सील कर दिए थे।
पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय से ज़मानत
राज्य स्वास्थ्य विभाग ने 13 जनवरी को उसके नाम से संचालित सभी 22 केंद्रों के लाइसेंस निलंबित कर दिए। इसके बाद, उन जिलों में व्यापक जांच शुरू की गई, जहां उसके अवैध केंद्र चल रहे थे। हालांकि मार्च में अमित बंसल को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय से ज़मानत मिल गई थी।
1985 की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज
पटियाला पुलिस ने 16 अप्रैल को बंसल पर नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम, 1985 की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। जिसमें पटियाला स्वास्थ्य विभाग और पटियाला एसडीएम की तीन-सदस्यीय समिति की जाँच रिपोर्टों के आधार पर धारा 22, 25, 26, 29 और 32 शामिल हैं।