HMV में रीयूजिंग द टेक्सटाइल वेस्ट फॉर क्लाथ बैग मेकिंग पर एक दिवसीय वर्कशॉप का आयोजन
डॉ. राखी मेहता, रिशव और नवनीता ने इनोवेटिव तरीके से कपड़े के थैले व प्लांटर बनाने की ट्रेनिंग दी
सदाना गांव व एचएमवी से 100 से अधिक महिलाओं व छात्राओं ने भाग लिया, वर्कशाप पूरी तरह सफल
वर्कशाप पूरी तरह सफल रही, बैग्स की प्रदर्शनी भी लगाई गई
प्रिंसिपल प्रो. डॉ. अजय सरीन ने प्लांटर भेंट कर स्वागत किया
रीसाइकल, रीयूज तथा डाउनसाइकल की पाॅलिसी अपनाए
जालंधर :
हंसराज महिला महाविद्यालय, जालंधर के ईको क्लब व इंस्टीट्यूशन इनोवेशन काउंसिल की ओर से रीयूजिंग द टेक्सटाइल वेस्ट फॉर क्लॉथ बैग मेकिंग पर सक्सेस वर्कशाॅप का आयोजन किया। हैंड्स ऑन ट्रेनिंग सैशन के दौरान डॉ. राखी मेहता, रिशव व नवनीता ने इनोवेटिव तरीके से कपड़े के थैले व प्लांटर बनाने की ट्रेनिंग दी। सदाना गांव व एचएमवी से 100 से अधिक महिलाओं व छात्राओं ने भाग लिया। वर्कशाप पूरी तरह सफल रही। इस अवसर पर बैग्स की प्रदर्शनी भी लगाई गई।
प्लांट भेंट कर किया अतिथियों का स्वागत
प्रिंसिपल प्रो. डॉ. अजय सरीन ने प्लांटर भेंट कर अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने वर्कशॉप के उद्देश्य के बारे में बताया तथा कहा कि सस्टेनेबिलिटी के साथ इनोवेशन एक बेहतरीन सुमेल है। कार्यशाला के कोआर्डिनेटर तथा डीन इनोवेशन डॉ. अंजना भाटिया ने सस्टेनेबिलिटी में एचएमवी द्वारा किए कार्यों की जानकारी दी।
रोजगार के साथ ग्रीन आजीविका पर बात
उन्होंने कहा कि हमें रीसाइकल, रीयूज तथा डाउनसाइकल की पालिसी अपनानी चाहिए। थ्रोअवे कल्चर को अपनाने की अपेक्षा उसे कम प्रयोग में लाना ही समझदारी है। कोआर्डिनेटर कपैसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम फॉर एनवायरनमेंट रंजीत ने रोजगार के अवसरों के साथ ग्रीन आजीविका पर बात की।
सचेत जीवन पर आधारित यह कार्यशाला
उन्होने कहा कि आज की कार्यशाला कार्यवाई उन्मुख है जो कि सचेत जीवन पर आधारित है। आई.टी. आफिसर अलीशा ने सचेत जीवन पर प्रकाश डाला। ग्रीन स्पैरो प्रोजैक्ट डायरेक्टर रमनप्रीत कौर ने ग्रीन स्पैरो द्वारा किए जाने वाले कार्यों के बारे में बताया। डिजाइन विभागाध्यक्षा डॉ. राखी मेहता ने सबका धन्यवाद किया।
क्लाईमेट चेंज मिनिस्ट्री का रहा सहयोग
कार्यशाला की स्टेट नोडल एजेंसी एनवायरमेंट इन्फारमेशन, अवेयरनैस, कपैसिटी बिल्डिंग एंड लाईवलीहुड प्रोग्राम, पंजाब, पंजाब स्टेट काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नालिजी थी तथा यह कार्यशाला भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं क्लाईमेट चेंज मंत्रालय के सहयोग से आयोजित की गई थी।
सस्टेनेबिलिटी अपनाने का समबल मिला
एचएमवी संस्थान की ओर से पीएससीएसटी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर इंजीनियर प्रितपाल सिंह का विशेष धन्यवाद किया गया। उनके प्रोत्साहन के कारण ही शैक्षणिक संस्थानों को सस्टेनेबिलिटी अपनाने का समबल मिला है। ज्वाइंट डायरेक्टर डॉ. के. एस. बाठ का भी विशेष धन्यवाद किया।