3 killed in cloudburst

हिमाचल के मंडी में बादल फटने से 3 की मौत, जीवन हुआ अस्त-व्यस्त, लोगों को करना पड़ रहा मुश्किलों का सामना

Written by:

Nischal Nayyar

Last Updated: July 29 2025 02:36:13 PM

हिमाचल के मंडी में बादल फटने से 3 की मौत, जीवन हुआ अस्त-व्यस्त, लोगों को करना पड़ रहा मुश्किलों का सामना

हिमाचल के मंडी में बादल फटने से 3 की मौत जीवन हुआ अस्त-व्यस्त लोगों को करना पड़ रहा मुश्किलों का सामना

हिमाचल के मंडी में बादल फटने से 3 की मौत, जीवन हुआ अस्त-व्यस्त, लोगों को करना पड़ रहा मुश्किलों का सामना

मंडी शहर के जाेनल अस्पताल समेत कई हिस्से मलबे से भर गए हैं, पानी और मलबा रिहायशी इलाकों में घुस गया है

मंडी सब डिवीजन के स्कूलों में आज छुट्‌टी कर दी गई है, भारी बारिश के कारण शहर में जगह-जगह जाम लग गया 

चंडीगढ़-मनाली और मंडी-जोगेंद्रनगर फोरलेन बंद हो गया है, पठानकोट-मंडी नेशनल हाईवे भूस्खलन के चलते बंद

शहर के बीच सुकेती खड्ड भी उफान पर, खड्ड किनारे बसे कई घरों में पानी भरा, रातभर जागकर समय बिताना पड़ा

मंडी : 

हिमाचल के मंडी में सोमवार देर रात अचानक बादल फटने से 3 लोगों की मौत हो गई है। वहीं लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है। बारिश ने सड़कों और रिहायशी इलाकों में तबाही मचा दी है। वहीं भूस्खलन के कारण कई गाड़ियां मलबे के नीचे दब गई हैं और लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। 

शहर में जगह-जगह जाम लगा

मंडी शहर के जाेनल अस्पताल समेत कई हिस्से मलबे से भर गए हैं। जहां कई वाहन कीचड़ और मलबे के नीचे दब गए हैं। इसका पानी और मलबा रिहायशी इलाकों में घुस गया है। मंडी सब डिवीजन के स्कूलों में आज छुट्‌टी कर दी है। भारी बारिश के कारण शहर में जगह-जगह जाम लग गया।

15 से ज्यादा लोगों का रेस्क्यू 

बादल फटने के बाद 15 से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू किया गया है। मलबा घरों के अंदर तक घुस गया है। 25 से ज्यादा गाड़ियां मलबे में दब गईं। चंडीगढ़-मनाली और मंडी-जोगेंद्रनगर फोरलेन बंद हो गया है। साथ ही पठानकोट-मंडी नेशनल हाईवे और अन्य स्थानों पर लगातार हो रहे भूस्खलनों के चलते पिछले रात से बंद है।

रेस्क्यू करने में जुटा प्रशासन

मंडी में प्रशासन और NHAI की टीमें मौके पर मौजूद हैं, लेकिन भारी बारिश और मलबे के चलते रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान मुश्किलें पैदा हो रही हैं। शहर के बीच से बहने वाली सुकेती खड्ड भी उफान पर है। खड्ड के किनारे बसे कई घरों में पानी भर गया, जिससे स्थानीय लोगों को रातभर जागकर समय बिताना पड़ा।