Now blood has become costly

अब प्राइवेट अस्पतालों में खून हुआ महंगा, पंजाब हेल्थ सिस्टम कॉर्पोरेशन ने बढ़ाए रेट, सिविल अस्पतालों में मरीजों को राहत

Written by:

Nischal Nayyar

Last Updated: July 15 2025 04:34:50 PM

अब प्राइवेट अस्पतालों में खून हुआ महंगा, पंजाब हेल्थ सिस्टम कॉर्पोरेशन ने बढ़ाए रेट, सिविल अस्पतालों में मरीजों को राहत

अब प्राइवेट अस्पतालों में खून हुआ महंगा पंजाब हेल्थ सिस्टम कॉर्पोरेशन ने बढ़ाए रेट सिविल अस्पतालों में मरीजों को राहत

अब प्राइवेट अस्पतालों में खून हुआ महंगा, पंजाब हेल्थ सिस्टम कॉर्पोरेशन ने बढ़ाए रेट, सिविल अस्पतालों में मरीजों को राहत

खून और उससे संबंधित उत्पादों की दरों में 300 से लेकर 800 रुपये तक की बढ़ोतरी कर दी

डेंगू मरीजों पर असर, प्लेटलेट्स का रेट अब 500 से बढ़कर 2000 रुपए प्रति यूनिट हो गया है

यह बढ़ोतरी ब्लड प्रोसेसिंग, टेस्टिंग और स्टोरेज में आने वाली लागतों को देखते हुए की गई है

पंजाब डेस्क : 

पंजाब के लोगों के लिए जरूरी खबर है। दरअसल, राज्य के प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती मरीजों के लिए खून की कीमत अब और अधिक हो गई है। पंजाब हेल्थ सिस्टम कॉर्पोरेशन (PHSC) ने खून और उससे संबंधित उत्पादों की दरों में 300 से लेकर 800 रुपये तक की बढ़ोतरी कर दी है। हालांकि सिविल अस्पतालों में मरीजों को पहले की तरह यह सेवाएं निःशुल्क मिलती रहेंगी।

प्राइवेट सेंटर में नई दरें क्या हैं?

ब्लड कंपोनेंट    पुराना रेट (₹)    नया रेट (₹)
प्लेटलेट्स (डेंगू मरीजों के लिए)    1500    2000
पैक्ड रेड सेल (PRC)    300    1100
फ्रेश फ्रोजन प्लाज्मा (FFP)    50    300
प्लेटलेट्स कंसंट्रेट    100    300

डेंगू मरीजों पर सीधा असर

इस बदलाव का सबसे ज्यादा असर डेंगू मरीजों पर पड़ सकता है, जिन्हें अक्सर प्लेटलेट्स की तुरंत जरूरत होती है। प्लेटलेट्स का रेट अब 500 रुपए बढ़कर 2000 रुपए प्रति यूनिट हो गया है। मरीजों के परिजनों का कहना है कि सरकारी अस्पतालों में सुविधा नहीं मिलती और प्राइवेट में अब इलाज और महंगा हो गया है। सरकार को प्राइवेट अस्पतालों के लिए रियायती ब्लड बैंक पॉलिसी लानी चाहिए, ताकि आम जनता पर बोझ न बढ़े।

आदमी की पहुंच से बाहर  

पंजाब हेल्थ सिस्टम कारपोरेशन के अधिकारियों का कहना है कि यह बढ़ोतरी ब्लड प्रोसेसिंग, टेस्टिंग और स्टोरेज में आने वाली लागतों को देखते हुए की गई है। वहीं विशेषज्ञ मानते हैं कि इससे प्राइवेट अस्पतालों में इलाज का खर्च और बढ़ जाएगा, जो पहले से ही आम आदमी की पहुंच से बाहर होता जा रहा है। सरकारी अस्पतालों की ब्लड बैंकों की क्षमता बढ़ाई जाए। ब्लड डोनेशन के लिए प्रोत्साहन नीति बने। जरूरतमंद मरीजों के लिए आपातकालीन सहायता योजना लाई जाए।

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