शिरोमणि अकाली दल को बड़ा झटका, सुखबीर बादल के करीबी रणजीत सिंह गिल ने पार्टी छोड़ने का किया ऐलान
अकाली दल की तरफ से हो रही लगातार अनदेखी के कारण यह फैसला लिया गया है
पार्टी में स्थानीय नेताओं की अनदेखी की जा रही है और बाहरी लोगों को प्राथमिकता
दो बार खरड़ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ चुके हैं और क्षेत्र में उनकी अच्छी पकड़
अभी तक किसी पार्टी में शामिल होने का संकेत नहीं दिया, अटकलों का बाजार गर्म
चंडीगढ़/खरड़ :
शिरोमणि अकाली दल को उस समय तगड़ा झटका लगा, जब पार्टी के वरिष्ठ नेता और सुखबीर सिंह बादल के करीबी माने जाने वाले रणजीत सिंह गिल ने पार्टी से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया। बताया जा रहा है कि पार्टी की तरफ से हो रही लगातार अनदेखी के कारण उन्होंने यह फैसला लिया है। गिल ने अपनी नाराज़गी जाहिर करते हुए कहा कि पार्टी में लगातार स्थानीय नेताओं की अनदेखी की जा रही है और बाहरी लोगों को प्राथमिकता दी जा रही है। साथ ही उन्होंने हाल ही में अकाल तख्त साहिब से जत्थेदारों को हटाए जाने के फैसले पर भी नाराजगी जताई है।
2 बार विधानसभा चुनाव लड़े
रणजीत सिंह गिल दो बार खरड़ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ चुके हैं और क्षेत्र में उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है। वे पार्टी के हलका इंचार्ज की भी जिम्मेदारी निभा रहे थे। उनके पार्टी छोड़ने से खरड़ क्षेत्र में अकाली दल को बड़ा झटका लग सकता है।
पार्टी नेतृत्व पर उठाए सवाल
गिल ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पार्टी नेतृत्व की तरफ से उन्हें और अन्य स्थानीय नेताओं को लगातार नजरअंदाज किया जा रहा था। उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी के कई फैसले जमीनी कार्यकर्ताओं की भावनाओं के खिलाफ लिए जा रहे हैं, जिससे संगठन कमजोर हो रहा है।
भविष्य की रणनीति पर सस्पेंस
रणजीत सिंह गिल ने अभी तक किसी अन्य राजनीतिक दल में शामिल होने का संकेत नहीं दिया है, लेकिन उनके अगले कदम को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि वे जल्द ही किसी विकल्प पर विचार कर सकते हैं, खासतौर पर 2027 विधानसभा चुनावों को देखते हुए।
अकाली दल के लिए चुनौती
रणजीत सिंह गिल का पार्टी छोड़ना शिरोमणि अकाली दल के लिए आंतरिक चुनौती बनकर सामने आया है, खासतौर पर तब, जब पार्टी पहले ही कमजोर संगठनात्मक ढांचे और कई नेताओं की नाराजगी से जूझ रही है।